तेरा चेहरा मुझको याद नही पर, तेरी गोद मुझे याद है माँ ! तेरा प्यार याद नही रहा पर , उसका एहसास मुझे याद है माँ ! तेरे दुध से जीवन दान मिला , पर उस दूध की खुशबु याद नही माँ ! मेरे दिल पर तेरा हक़ है पर , मेरे शरीर को तेरा साथ नही माँ ! जब पैदा हुई तो तेरा आगोश था , पर अब जीवन में वह आस नही माँ ! तुझसे मिलना न मुमकिन है पर , तेरी याद पर मेरा अख्तियार नही माँ ! जब चाहां निगाहें झुका कर देख ली , मेरे दिल में इक तस्वीर है माँ ! तुम बिन ये घर सूना है , सुने घर में एक भी चिराग नही माँ ! तेरी बगिया में इक फूल खिला था , आज उस पर वीरानी -सी छाई है माँ ! तस्वीर में ज़िंदा है तू मेरे लिए, तक़दीर को क्या समझाऊ मैं माँ ! हर शे में तुझको ढूंढा मैंने , इस भीड़ में केसे पहचानू मैं माँ ! इस कंक्रीट के जंगल में धायल , कब से दोड़ रही हूँ मैं माँ ! लहू लुहान कब तक मैं दोडू , बस ,एक सहारा मिल जाता माँ ! तेरे ममता का आंचल मिल जाता माँ ! तेरे प्यार का सागर मिल जाता माँ ! इस किश्ती को साहिल मिल जाता माँ !
बस एक माँ है जो मुझ से कभी ख़फ़ा नहीं होती