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हां !ये मेरी माँ है


प्यारी माँ 




मोम की तरह पिगलती रहती है 
शमां बन जलती रहती है 
हमरा हर काम अपनी शक्ति से परे करती है  
हमे परेशां देख ,खुद मन ही मन कुढती है 
हाँ ,यह मेरी माँ है !
हाँ, यह मेरी माँ है !
रब से भी ज्यादा मुझको इससे प्यार है |

कभी खुद को साबित नही किया उसने 
हमेशा हमे प्रोत्साहित किया उसने 
हमारी हर गलती को माफ़ किया उसने 
हममे हर शक्ति का संचार किया उसने 
हाँ ,यह मेरी माँ है !
हाँ ,यह मेरी माँ है !
रब से भी ज्यादा मुझको इससे प्यार है |

खुदा से ज्यादा हमने उसका मान किया 
खुद को खुद से ज्यादा कुर्बान किया 
हमेशा उसके आंचल में आराम किया 
माँ की क्या शे है इसका हमने ज्ञान किया  
हाँ ,यह मेरी माँ है !
हाँ यह मेरी माँ है !
रब से भी ज्यादा मुझको इससे प्यार है |

सपनो से परे एक जहां और भी है 
एक जमी एक आसमान और भी है 
इस पथरीली धरा पे हमे आगे बढना है 
होसले बुलंद हो ,सफलता कदम चूमे 
हर कठिनाई से आगाज़ किया इसने 
   हाँ ,यह  मेरी माँ है !
   हाँ यह मेरी माँ है   !
रब से भी ज्यादा मुझको इससे प्यार है |

दिनभर खटकती रहती है हमारी ख़ुशी के लिए 
रातो को चोंक उठती है .हमारी परेशानी के लिए 
खुद कांटो पर चलती है ,हमे फूलो पे चलाने के लिए 
खुदगर्ज़ कभी हो नही सकती अपने 'जायो' के लिए
हाँ ,यह मेरी माँ है !
हाँ ,यह मेरी माँ है !
रब से भी ज्यादा मुझको इससे प्यार है | 

"हाँ ,यह मेरी माँ है ?"  




Comments

सुन्दर रचना!
ममता तो माँ का पर्याय है!
Kunal Verma said…
प्यारी रचना
Shikha Kaushik said…
रब से भी ज्यादा मुझको इससे प्यार है |

"हाँ ,यह मेरी माँ है ?

Darshan ji bahut bhavpurn rachna prastut ki hai aapne .aabhar
Shalini kaushik said…
खुद कांटो पर चलती है ,हमे फूलो पे चलाने के लिए
खुदगर्ज़ कभी हो नही सकती अपने 'जायो' के लिए

bahut bhavpoorn prastuti.nayan bhar aaye .
DR. ANWER JAMAL said…
रब से बढ़कर हमें प्यार करने वाला कोई नहीं है। मां के दिल में औलाद के लिए प्यार डालने वाला भी वही एक रब है। हमें ख़ास ध्यान रखना चाहिए कि माता-पिता और गुरू की प्रशंसा में कोई बात ऐसी न कहें जो रब के दर्जे का कम करता हो।
बाक़ी कविता के भाव सुंदर हैं।
http://tobeabigblogger.blogspot.com/2011/04/charity-begins-from-toilet.html
जमाल साहेब !एक छोटे बच्चे के लिए, वो भी लडकी के लिए उसकी माँ का असमय जाना क्या होता है --यह एक भुक्त भोगी ही बता सकता है --बाते तो सब कर लेते है ?
DR. ANWER JAMAL said…
@ बहन दर्शन जी ! मैं आपकी बात से मुत्तफ़िक़ हूं कि एक छोटी बच्ची के सिर से मां साया उठ जाना उसके जीवन का सबसे बड़ा दुखदायी हादसा है। आपके लहजे में इस समय कुछ तीखापन है, सो कुछ समय बाद मैं आपसे इस विषय पर पुनः संवाद करूंगा।
धन्यवाद !

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