कितना सुन्दर नाम है इस ब्लॉग का प्यारी माँ .हालाँकि प्यारी जोड़ने की कोई ज़रुरत ही नहीं है क्योंकि माँ शब्द में संसार का सारा प्यार भरा है.वह प्यार जिस के लिए संसार का हर प्राणी भूखा है .हर माँ की तरह मेरी माँ भी प्यार से भरी हैं,त्याग की मूर्ति हैं,हमारे लिए उन्होंने अपने सभी कार्य छोड़े और अपना सारा जीवन हमीं पर लगा दिया.
शायद सभी माँ ऐसा करती हैं किन्तु शायद अपने प्यार के बदले में सम्मान को तरसती रह जाती हैं.हम अपने बारे में भी नहीं कह सकते कि हम अपनी माँ के प्यार,त्याग का कोई बदला चुका सकते है.शायद माँ बदला चाहती भी नहीं किन्तु ये तो हर माँ की इच्छा होती है कि उसके बच्चे उसे महत्व दें उसका सम्मान करें किन्तु अफ़सोस बच्चे अपनी आगे की सोचते हैं और अपना बचपन बिसार देते हैं.हर बच्चा बड़ा होकर अपने बच्चों को उतना ही या कहें खुद को मिले प्यार से कुछ ज्यादा ही देने की कोशिश करता है किन्तु भूल जाता है की उसका अपने माता-पिता की तरफ भी कोई फ़र्ज़ है.माँ का बच्चे के जीवन में सर्वाधिक महत्व है क्योंकि माँ की तो सारी ज़िन्दगी ही बच्चे के चारो ओर ही सिमटी होती है.माँ के लिए कितना भी हम करें वह माँ के त्याग के आगे कुछ भी नहीं है .माँ बदला नहीं चाहती चाहती है केवल बच्चों का प्यार ओर हम कितने स्वार्थी होते हैंकि हम वह भी माँ को नहीं दे पाते.विश्व में हम देखते हैंकि जितने सफलता के उच्च शिखर पर पहुंचे हैं उनकी सफलता में माँ का महत्व है.
शायद सभी माँ ऐसा करती हैं किन्तु शायद अपने प्यार के बदले में सम्मान को तरसती रह जाती हैं.हम अपने बारे में भी नहीं कह सकते कि हम अपनी माँ के प्यार,त्याग का कोई बदला चुका सकते है.शायद माँ बदला चाहती भी नहीं किन्तु ये तो हर माँ की इच्छा होती है कि उसके बच्चे उसे महत्व दें उसका सम्मान करें किन्तु अफ़सोस बच्चे अपनी आगे की सोचते हैं और अपना बचपन बिसार देते हैं.हर बच्चा बड़ा होकर अपने बच्चों को उतना ही या कहें खुद को मिले प्यार से कुछ ज्यादा ही देने की कोशिश करता है किन्तु भूल जाता है की उसका अपने माता-पिता की तरफ भी कोई फ़र्ज़ है.माँ का बच्चे के जीवन में सर्वाधिक महत्व है क्योंकि माँ की तो सारी ज़िन्दगी ही बच्चे के चारो ओर ही सिमटी होती है.माँ के लिए कितना भी हम करें वह माँ के त्याग के आगे कुछ भी नहीं है .माँ बदला नहीं चाहती चाहती है केवल बच्चों का प्यार ओर हम कितने स्वार्थी होते हैंकि हम वह भी माँ को नहीं दे पाते.विश्व में हम देखते हैंकि जितने सफलता के उच्च शिखर पर पहुंचे हैं उनकी सफलता में माँ का महत्व है.
Comments
यह सही है कि ‘मां‘ लफ़्ज़ अपने अंदर खुद मुकम्मल भी है और प्यारा भी लेकिन मात्र चार अक्षरों से ब्लागस्पॉट पर कोई यूआरएल नहीं बनता, इसलिए मां के साथ अगर कोई लफ़ज़ जोड़ा जा सकता है तो फिर वह लफ़ज़ प्यार के अलावा कुछ और हो ही नहीं सकता। मां प्यार देती भी है और प्यारी लगती भी है। हमें भी उसके प्रति अपने प्यार को ज़ाहिर करने में कभी संकोच नहीं करना चाहिए। हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि हमारी मां तो जानती ही है कि हम उससे बहुत प्यार करते हैं।
नहीं, आप उससे कहिए कि आप उससे बहुत प्यार करते हैं। आप देखेंगे कि ऐसा कहने के बाद उसके चेहरे की चमक बढ़ जाएगी और आपके दिल को एक सुकून मिलेगा, ऐसा सुकून जो कि किसी और काम करने से आपको कभी नहीं मिल सकता।
आपने एक अच्छी पोस्ट इस प्यारे ब्लाग को दी है, इसके लिए आपका शुक्रिया।
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माँ......मैं आ रहा रहा हूँ माँ।
sach tum behadd yaad aati ho .
kaash wahan se lout aana sambhav hota to main har koshish karti tumhe waapis le aane ki.
miss u lot Maa.
sach tum behadd yaad aati ho .
kaash wahan se lout aana sambhav hota to main har koshish karti tumhe waapis le aane ki.
miss u lot Maa.
mera email id hai ..
gracious.sharma@gmail.com
कल यानि ११ तारीख को शालिनी जी का ये लेख चर्चामंच पर होगा... http://charchamanch.blogspot.com
आप चर्चामंच पर आ कर आपने विचारों से भी अनुग्रहित करियेगा..
nutan.dimri@gmail.com
काश कि सब यह समझ पाते...
eska ehsas ek ladki ko sabse jyada tab hota hai jab wo khud maa banti hai.