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सत सत नमन






प्यार तो कारण है  
उन लम्हों का
जो बीतें है साथ
बचपन में
वो ममता ,वो दुलार
और वो गोदी
तभी -
लम्हों में सिमटा है प्यार
जो कारण है अपनेपन का
भावों का और अहसासों का .........!!




प्रियंका राठौर

Comments

माँ का प्यार, सबसे प्यारा सबसे न्यारा!
DR. ANWER JAMAL said…
@ प्रियंका राठौर जी ! मैं आपकी रचनाओं का प्रशंसक हूँ और आपको इस मंच पर देखने का भी इच्छुक था .
इस ब्लॉगको ज्वाइन करके आपने मेरी इच्छा को भी सम्मान दिया है और मुझे यह मौक़ा भी दिया है कि अब मैं आपको ज्यादा पढ़ सकूंगा .
मैं आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपकी आमद के लिए भी और इतनी प्यारी रचना के लिए भी .
सुस्वागतम .

@ कविता जी ! काफी दिनों बाद आपकी टिप्पणी मिली जबकि हमारी ख्वाहिश है कि आप भी इस अभियान में एक लेखिका के तौर पर हिस्सा लें .
शुक्रिया.
Shikha Kaushik said…
Priyanka ji aapke naam ki tarah hi bahut pyari rachna prastut ki hai aapne .bahut bahut shubhkamnayen .
aap sabhi ka bahut bahut dhanybad...
@shikha ji- thanks ....aaj pahli baar kisi ne mere naam ki tareef ki hai.... :)
सदा said…
मां के बारे में जितना कहा जाये कम .....बहुत ही अच्‍छा लिखा है आपने ।

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