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एक फ़िलिस्तीनी माँ का दर्द कौन समझेगा ?



माँ जो बच्चे की खरोंच की तकलीफ़ भी ख़ुद पर महसूस करती है
उस माँ को फ़िलिस्तीन में अपने बच्चों को अपनी ही गोद में तड़प तड़प कर मरते हुए देखना पड़ रहा है।

Comments

Rajesh Kumari said…
हृदय विदारक!!! माँ तो माँ है चाहे किसी की भी हो।
Sadhana Vaid said…
अत्यंत मार्मिक !
अफसोसनाक-
या रब !
माँ को शक्ति दे |
बहुत दर्दभरी तस्वीर की कहानी।
किसी भी माँ के लिए दुखद...
Darshan Darvesh said…
Bahuat hi marmik rachna......uff...

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