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माँ को शीश नवाना है.


होगा जब भगवान् से मिलना हमें यही तब कहना है,
नमन तुम्हे करने से पहले माँ को शीश नवाना है.

माँ ने ही सिखलाया हमको प्रभु को हर पल याद करो,
मानव जीवन दिया है तुमको इसका धन्यवाद् करो.
माँ से ही जाना है हमने क्या क्या तुमसे कहना है,
नमन तुम्हे करने से पहले माँ को शीश नवाना है.

जीवन की कठिनाइयों को गर तुम्हे पार कर जाना है ,
प्रभु के आगे काम के पहले बाद में सर ये झुकाना है.
शिक्षा माँ की है ये हमको तुमको ही अपनाना है,
नमन तुम्हे करने से पहले माँ को शीश नवाना है.

माँ कहती है एक बार गर प्रभु के प्रिय बन जाओगे,
इस धरती पर चहुँ दिशा में बेटा नाम कमाओगे.
तुमसे मिलवाया है माँ ने इसीलिए ये कहना है,
नमन तुम्हे करने से पहले माँ को शीश नवाना है.
               शालिनी कौशिक 

Comments

Shikha Kaushik said…
maa ki mahima hi aisi hai -maa me rab dikhta hai .My salute to MOTHER .
DR. ANWER JAMAL said…
Raat ko 3 baje main kahta hun ise
Nice post.

http://ahsaskiparten.blogspot.com/2011/06/dr-anwer-jamal.html
माँ ने ही सिखलाया हमको प्रभु को हर पल याद करो,
मानव जीवन दिया है तुमको इसका धन्यवाद् करो.
माँ से ही जाना है हमने क्या क्या तुमसे कहना है,
नमन तुम्हे करने से पहले माँ को शीश नवाना है...
बहुत खूब .. जब माँ को नमन कर लिया तो ईश्वर तो मान ही जाएँगे ... लाजवाब रचना है ...
Shalini kaushik said…
shikha ji aur digambar naswa ji aap dono ka hardik dhanyawad.
dr.anwar jamal sahab din ke 2.31 par fursat me aapka bhi hardik dhanyawad karti hoon ki aapne rat ke 3.00 baje maa ko sheesh navaya.
Sunil Kumar said…
माँ की शीश नवाना प्रभु के आगे शीश नावाने के समान है , सुंदर रचना , बधाई
Manish Khedawat said…
bahut khoobsurat rachna
shalini zi :)

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मैं , मेरा बचपन और मेरी माँ

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