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माँ तुझे सलाम

होगा जब भगवान् से मिलना हमें यही तब कहना है,
नमन तुम्हे करने से पहले माँ को शीश नवाना है.

माँ ने ही सिखलाया हमको प्रभु को हर पल याद करो,
मानव जीवन दिया है तुमको इसका धन्यवाद् करो.
माँ से ही जाना है हमने क्या क्या तुमसे कहना है,
नमन तुम्हे करने से पहले माँ को शीश नवाना है.

जीवन की कठिनाइयों को गर तुम्हे पार कर जाना है ,
प्रभु के आगे काम के पहले बाद में सर ये झुकाना है.
शिक्षा माँ की है ये हमको तुमको ही अपनाना है,
नमन तुम्हे करने से पहले माँ को शीश नवाना है.

माँ कहती है एक बार गर प्रभु के प्रिय बन जाओगे,
इस धरती पर चहुँ दिशा में बेटा नाम कमाओगे.
तुमसे मिलवाया है माँ ने इसीलिए ये कहना है,
नमन तुम्हे करने से पहले माँ को शीश नवाना है.
               शालिनी कौशिक 

Comments

Shikha Kaushik said…
shalini ji bahut sundar bhavon ko prastut kiya hai .
Shikha Kaushik said…
maa aisi hi hoti hai .bahut sundar
Shikha Kaushik said…
aapne bahut sundar shabdon me maa ki mahima ka gungaan kiya hai .aabhar .
Shikha Kaushik said…
kavita me shabdon ka chayan bahut sateek hai .saral bhasha shaili me prastut aapki kavita man ko bha gayee .
Shikha Kaushik said…
maa shabd apne me hi sare sansar ko samete hai .aapne bahut khoobsoorti se iska vishleshan kiya hai .

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