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Showing posts from May, 2011

मीनोरेजिया, औरत का दर्द दूर करने के लिए डाक्टरों की एक और कोशिश जिससे दर्द हमेशा रहेगा दूर - Dr. Anwer jamal

पीरियड्स के दौरान दर्द होना आम बात है। पर, डॉक्टरों की मानें तो यह एक जेनेटिक परेशानी है और इसका इलाज भी संभव है। कैसे दर्द को अपनी जिंदगी से निकाल सकती हैं आप महिलाओं के लिए हर माह पीरियड्स के दिन काफी तकलीफ में गुजरते हैं। इस दौरान ज्यादा ब्लीडिंग, दर्द, कमजोरी, थकान, उल्टियां, मितली जैसी शिकायतें अक्सर लड़कियां करती हैं। हालांकि कई लड़कियां तकलीफ के ये चार-पांच दिन बेहद सहजता से गुजार देती हैं। लेकिन जो लड़कियां ज्यादा ब्लीडिंग और अधिक दर्द की शिकायत करती हैं, उन्हें तब तक इसे भुगतना होता है, जब तक पीरियड्स खत्म न हो जाए। डॉक्टरी जुबान में इस बीमारी को मीनोरेजिया कहते हैं। यानी पीरियड्स के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग कोई आम बात नहीं बल्कि अपने-आप में एक बीमारी है। यह बीमारी आपको अंदर से खोखला न कर दे, इसलिए जरूरी है कि वक्त रहते डॉक्टरी परामर्श लिया जाए। कुछ स्त्रियों में मीनोरेजिया रोग के स्पष्ट शारीरिक लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। कई स्त्रियों में यह समस्या हार्मोंस असंतुलन के कारण भी हो सकती है, तो कई बार गर्भपात होना, गर्भाशय की भीतरी झिल्ली में जलन होना, गर्भाशय में किसी तरह की ...

मेरे पास माँ है - M. Afsar Khan

माँ   एक   कोमल   एहसास ,  माँ   ज़िन्दगी   की   ख्वाब ,  माँ   दुनिया   की सबसे   बड़ी   नेमत । इन   मुर्गी   के   बच्चों   को   जरा   गौर   से   देखिये ... अपनी   माँ   से   कैसे   लिपटे   हुए   हैं ।  और   इस   माँ   ने   अपने   बच्चों   को   कैसे अपने   ऊपर , अपने  परों   में   छिपा   रक्खा   है । यही   है   माँ   का   अनूठा   प्यार । सरे जहाँ की नेमतों में सबसे बड़ी नेमत है माँ का प्यार, इसी लिए लोग कहते हैं कि  मेरे   पास   माँ   है ,  माँ ...  मुनव्वर   राना   के   शब्दों   में ... जब   भी   कश्ती   मेरी   सैलाब   में   आ   जाती   है , माँ   दुआ   करती   हुई    ख्वाब   में   आ जाती   है । मुसीबत   के   दिनों ...

सबसे खुशनसीब

सबसे   खुशनसीब  औलाद जो सदा माँ के करीब  है ; सारी दुनिया में वो ही खुशनसीब  है . जिसको परवाह नहीं माँ के सुकून की ; शैतान का वो बंदा खुद अपना रकीब है . दौलतें माँ की दुआओं की नहीं सहेजता  इंसान ज़माने में वो सबसे गरीब है . जो लबों पे माँ के मुस्कान सजा दे  दिन रात उस बन्दे के दिल में मनती ईद है . माँ जो खफा कभी हुई गम-ए -बीमार हो गए ; माँ की दुआ की हर दवा इसमें मुफीद है . है शुक्र उस खुदा का जिसने बनाई माँ ! मुबारक हरेक लम्हा जब उसकी होती दीद है .                              शिखा कौशिक  htttp://shikhakaushik666.blogspot.com

रहम कीजिए बेटियों पर

मानने वाले हैं वो शैताँ के नूर के बदले नार लेते हैं कैसे इंसान हैं जो बेटी को रहम ए मादर में मार देते हैं असद रज़ा asadrnaqvi@yahoo.co.in रहम ए मादर - माँ का गर्भ

प्यार का दरिया है माँ

आज के बदलते परिवेश में रिश्तों को कोई अहमियत नही रह गई है फिर भी एक रिश्ता है जो सदा एक अहम् भूमिका निभाता है | न होते हुए भी लगता है की वो हमारे आस पास ही है, हमारी निगरानी कर रहा है | वह और कोई नही "माँ" का रिश्ता है | माँ महान है, माँ माखन है, माँ मिश्री है | ईश्वर  ने भी तो कहा  है की माँ मेरी  और से एक दुर्लभ उपहार है | समुद्र ने कहा है ... की माँ एक सीपी है जो अपनी संतान के सभी दुःख अपने सीने में छुपा लेती है | तो बादल नें भी कहा है की माँ एक चमक है जिस में हर रंग उजागर होता है | माँ के लिए एक क्रूरतम शाषक  नादिर शाह  ने भी कहा है " मुझे फूल और माँ में कोई फर्क  दिखाई नही देता " |औरंगजेब ने भी कहा की माँ के बिना घर कब्रिस्तान है |  मेरा मानना है की माँ के क़दमों  तले ही स्वर्ग है | वे स्वयं को भाग्यवान समझे जिन्हें माँ क...

पेट चीरकर बच्चा चुराने की कोशिश......

पेट चीरकर बच्चा चुराने की कोशिश बच्चा पाने के लिए महिलाएं किसी भी हद तक जा सकती हैं। हांगकांग में एक मामले की सुनवाई में दौरान सामने आया कि एक महिला ने एक अन्य गर्भवति महिला का पेट चीरकर बच्चा चुराने की कोशिश की। इस हमलें का शिकार गर्भवती महिला तो बच गई लेकिन उसके शिशु को नहीं बचाया जा सका। लींग सिन टिंग नाम की इस 27 वर्षीय महिला को पेट चीरकर बच्चा चुराने के आरोप में कोर्ट ने 10 साल कैद की सजा सुनाई।                 और पढ़े ....

माँ

माँ ... कितना एहसास है इसमें , नाम से ही सिरहन हो जाती है | कैसे भूले  हम उस माँ को  जिसने हमें बनाया है | अपना लहू पिला - पिला कर ... ये मानुष तन दिलवाया  है | उसके प्यारे से स्पंदन ने  हमको जीना सिखलाया  है | धुप - छाँव के एहसासों  से  हमको अवगत करवाया  है | हम थककर जब  रुक जाते हैं | वो बढकर राह दिखाती   है | दुनियां के सारे रिश्तों से  हमको परिचित  करवाती है | जब कोई साथ न रहता  है | वो साया  बन साथ निभाती है | खुद सारे दुख अपने संग ले जाकर  हमें सुखी कर जाती है | बच्चों की खातिर वो... दुर्गा - काली भी बन जाती है | बच्चों के चेहरे में ख़ुशी देख , अपना जीवन सफल बनाती है | उसके जैसा रिश्ता अब तक  दुनियां में न बन पाया है  | कितना भी कोई जतन करले  उसके एहसानों से उपर न उठ पाया है  | ऊपर वाले ने भी सोच - समझ कर  हमको प्यारी माँ का उपहार दिलाया है |

सुपर मॉम

मदर्स डे पर सभी माँओं को मेरा हार्दिक नमन एवं शुभकामनायें ! आज का मेरा यह आलेख आधुनिक युग की सुपर मॉम को समर्पित है ! आदिकाल से सुरलोक से लेकर पृथ्वीलोक तक देवताओं और मनुष्यों की निर्भरता माँ के ऊपर सतत बनी हुई है ! जब असुरों एवं दैत्यों ने भयंकर उत्पात मचा कर देवलोक में देवताओं का जीना दूभर कर दिया तो अपने अस्तित्व की रक्षा के लिये उन्होंने माँ जगदम्बे का ही आह्वान किया था और तब अष्टभुजाधारी माँ उद्धारकर्ता के रूप में अवतरित हुईं और दुष्टों का संहार कर उन्होंने वहाँ शान्ति एवं संतुलन की स्थापना की थी ! कलयुग में भी धरती पर एक माँ ही है जो अपनी अदम्य क्षमताओं और इच्छाशक्ति से घर के सैकड़ों कामों को अंजाम देते हुए पल भर के लिये भी अपने बच्चों की छोटी से छोटी ज़रूरत की कभी उपेक्षा नहीं करती और उसके लिये आधी रात को भी सजग सतर्क रहती है और घर के सभी दायित्वों को अपने मज़बूत कन्धों पर सम्हाले रहती है ! माँ दुर्गा ने अपने हाथों में पारंपरिक अस्त्र शस्त्र ग्रहण कर रखे थे लेकिन आज की सुपर मॉम के हाथों में आधुनिक अस्त्र शस्त्र हैं जिनकी सहायता से वह यह सारे कार्य दक्षता से पूरे कर पाती है ! ...