''हमारी हर खता को मुस्कुराकर माफ़ कर देती ;
खुदा नहीं मगर ''माँ' खुदा से कम नहीं होती .''
''हमारी आँख में आंसू कभी आने नहीं देती ;
कि माँ की गोद से बढकर कोई जन्नत नहीं होती .''
''मेरी आँखों में वो नींद सोने पे सुहागा है ;
नरम हथेली से जब माँ मेरी थपकी है देती .''
''माँ से बढकर हमदर्द दुनिया में नहीं होता ;
हमारे दर्द पर हमसे भी ज्यादा माँ ही तो रोती .''
''खुदा के दिल में रहम का दरिया है बहता ;
उसी कि बूँद बनकर ''माँ' दुनिया में रहती .''
''उम्रदराज माँ कि अहमियत कम नहीं होती ;
ये उनसे पूछकर देखो कि जिनकी माँ नहीं होती .''
शिखा कौशिक
http://shikhakaushik666.blogspot.com/
खुदा नहीं मगर ''माँ' खुदा से कम नहीं होती .''
''हमारी आँख में आंसू कभी आने नहीं देती ;
कि माँ की गोद से बढकर कोई जन्नत नहीं होती .''
''मेरी आँखों में वो नींद सोने पे सुहागा है ;
नरम हथेली से जब माँ मेरी थपकी है देती .''
''माँ से बढकर हमदर्द दुनिया में नहीं होता ;
हमारे दर्द पर हमसे भी ज्यादा माँ ही तो रोती .''
''खुदा के दिल में रहम का दरिया है बहता ;
उसी कि बूँद बनकर ''माँ' दुनिया में रहती .''
''उम्रदराज माँ कि अहमियत कम नहीं होती ;
ये उनसे पूछकर देखो कि जिनकी माँ नहीं होती .''
शिखा कौशिक
http://shikhakaushik666.blogspot.com/
Comments
बुढ़ापे में माँ की बेकद्री करने वालों को अच्छी सलाह दी है आपने!
ये उनसे पूछकर देखो कि जिनकी माँ नहीं होती .''
maa ki ahmiyat kabhi kam nahi hoti , tum laakh todo use , wah toott nahi
ये उनसे पूछकर देखो कि जिनकी माँ नहीं होती .''
bilkul sahi kaha aapne haan maa to bas maa hoti hai
जिन के आते ही जहाँ से ख़ुद चली जाती है माँ
ज़िंदगी उनकी भटकती रूह की मानिंद है
उनको हर आँसू के क़तरे में नज़र आती है माँ
@ शिखा जी ! आपके जज़्बात अच्छे हैं । हम इनकी क़द्र करते हैं लेकिन हर चीज़ ख़ुदा से कम है चाहे माँ हो , बाप हो या कोई गुरू पीर और पैग़ंबर हो । इंसान को यह सच हमेशा अपने सामने रखना चाहिए तभी वह भटकने से बच सकता है।
ये उनसे पूछकर देखो कि जिनकी माँ नहीं होती .''
बेहतरीन अभिव्यक्ति।
नरम हथेली से जब माँ मेरी थपकी है देती .''
''माँ से बढकर हमदर्द दुनिया में नहीं होता ;
हमारे दर्द पर हमसे भी ज्यादा माँ ही तो रोती
बहुत ही सुन्दर भावमय करती हर पंक्ति लाजवाब ..।
मां के न होने का अहसास ईश्वर करे किसी को न मिले।
लेकिन कुछ बदनसीब होते हैं जिन्हें.............
@DR. ANWER JAMAL माँ और पिता के बारे में संवेदनाएं जगाना किसे अच्छा नहीं लगेगा...मैं इस ब्लॉग की कैसे सदस्य बन सकती हूँ यह भी विस्तार से बताईये....
ये उनसे पूछकर देखो कि जिनकी माँ नहीं होती .''
आपने तो मेरी जिन्दगी की सच्ची तसवीर ही पेश कर दी --धन्यवाद ! इस मार्मिक कविता के लिए !!!
हर अदा एक क़यामत है जी
@ आप कितना अच्छा लिखती हैं ?
मुबारक हो आपको रंग बिरंग की खुशियाँ .
हा हा हा sss हा हा हा हा ssss
http://shekhchillykabaap.blogspot.com/2011/03/blog-post.html