ऐ मेरे मालिक तेरा हमपे ये करम हो गया !
तूने अपनी जगह माँ का जो हमको साथ दिया !
तू भी जानता था की अकेले तो हम न रह पाएँगे !
इसलिए चुपके से माँ बनके हाथ थाम लिया !
जिंदगी के हर पल में उसने हमारा साथ दिया !
इसलिए जब दर्द उठा तो माँ का ही जुबाँ ने नाम लिया !
माँ ने तेरा ये काम बहुत खूबसूरती से कर दिया !
तेरी ही तरह हम सबको अपना गुलाम कर दिया !
दोनों के एहसानों को तो अलग ना हम कर पाएंगे !
इसलिए उससे लिपट कर तेरे और करीब हम आ जायेंगे !
Comments
इसलिए उससे लिपट कर तेरे और करीब हम आ जायेंगे !
sach hai. bahot khoobsurat!
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माँ कि शान को बयान करने कि एक सुन्दर कोशिश .
@ मीनाक्षी जी ! इस प्यारे ब्लाग पर अपनी पहली रचना पेश करने के लिए आपको धन्यवाद.
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क्या इसलिए कि हम 2011 के खिलाफ क्यों बोले ?
आप सबकी मै शुक्रगुज़ार हूँ !
धन्यवाद !