बुद्धिजीवी का काम विचार करना होता है। एक बुद्धिजीवी ने अपने साथ काम करने वाली महिला को बड़ी उम्र तक कुंवारा देखा तो उन्होंने यह विचार किया कि आखि़र एक लड़की अविवाहित रहते हुए किसी पुरूष से यौन सम्बंध बना ले तो इसमें हर्ज ही क्या है ? इंसान के अंदर बुद्धि के साथ एक चीज़ मन भी होती है। मन में विचार आते ही रहते हैं। इनमें से हरेक विचार का पालन नहीं किया जा सकता क्योंकि इंसान के अंदर विवेक भी होता है। औरत और मर्द का आपसी ताल्लुक़ एक अनोखी लज़्ज़त देखा है। यह सही है। यह लज़्ज़त सबको नसीब हो, यह सोचना भी ग़लत नहीं है लेकिन इंसान को जानवर के स्तर पर उतार देना ठीक नहीं है। इंसान का विवेक जानवर से ज़्यादा विकसित होता है। इसीलिए वह सही और ग़लत की तमीज़ भी जानवरों से ज़्यादा रखता है। सही-ग़लत की यह तमीज़ ज़मीन के हरेक हिस्से में और हरेक इंसान में पाई जाती है। पूर्व हो या पश्चिम, उत्तर हो या दक्षिण, देश हो या विदेश, औरत और मर्द के लिए यौन संबंध की व्यवस्था के लिए निकाह और विवाह की एक रस्म को अदा करना सभी जगह ज़रूरी समझा जाता है। इसके ज़रिये मस्ती के साथ हस्ती की ज़िम्मेदारी को भी बांटा जाता है। सेक्स में मज़ा भ...
बस एक माँ है जो मुझ से कभी ख़फ़ा नहीं होती