नोएडा। कार्यालय संवाददाता। अपने कलेजे के टूकड़े के लिए मां दर-दर भटकती रही, तीन महीने तक इधर-उधर बेटे के बारे में पूछती रही लेकिन बेटे का कुछ पता नहीं चला। दो महीने पहले जब बेटे ने मोबाइल से अपनी मां को फोन किया तो मां की ममता एक पल भी रहा नहीं जा सका। जब मां को पता चला कि बेटे ने भारत के मोबाइल नंबर से संपर्क किया है तो वह पासपोर्ट व वीजा बना सरहद पारकर भारत आ गई।
इसके बाद वह दिल्ली फिर नोएडा पहुंची। नोएडा पुलिस ने उस मोबाइल नंबर के आधार पर बेटे को ढ़ढ निकाला। कोतवाली सेक्टर-20 पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश कर दिया है। इसके बाद कानूनी कार्रवाई कर उसे वापस बांग्लादेश भेज दिया जाएगा। जेसोर, बांग्लादेश निवासी अहमद अली (19) पांच महीने पहले हीरो होंडा कंपनी के ड्राइवर के साथ बैनापुर बॉर्डर होते हुए भारत आ गया था। कंटेनर के चालक ने उसे ड्राइवर की नौकरी देने की बात कही थी। रास्ते में अहमद को चालक का व्यवहार अच्छा नहीं लगा तो वह फरीदाबाद में उससे अलग हो गया।
इसके बाद एक अजनबी की मदद से नोएडा पहुंचा और सेक्टर-10 स्थित सिग्नेचर स्टाफ कंपनी के कैंटीन में काम करने लगा। काम करने के तीन महीने के बाद उसने अपने एक दोस्त के मोबाइल से मां शबनम को फोन लगाया। इसके बाद मां बेचैन हो गई और पासपोर्ट व वीजा बनाकर पहले कोलकाता पहुंची और वहां से दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने नोएडा का मोबाइल नंबर बताकर उसे नोएडा पुलिस के पास भेज दिया। नोएडा पुलिस ने सर्विलांस सेल की मदद से सेक्टर-10 स्थित कंपनी से बेटे को बरामद कर लिया।
एसएसपी प्रवीण कुमार का कहना है कि बांग्लादेश से भागकर आए किशोर को ढ़ाूट लिया गया है। उसकी मां बांग्लादेश से आकर खोजबीन कर रही थी। उन्होंने बताया कि कानूनी प्रक्रियाओं के बाद मां व बेटे को बांग्लादेश वापस भेज दिया जाएगा। वहीं बांग्लादेशी युवक के पकड़े जाने के बाद एलआईयू व इंटेलिजेंस के अधिकारी भी पहुंचे और पूछताछ की। एक महीने से है भारत मेंदो महीने पहले जब अहमद ने मां को फोन किया तो शबनम ने वीजा पासपोर्ट बनाया और फिर भारत आ गई।
एक महीने से वह कोलकाता, दिल्ली व नोएडा में बेटे की तलाश करती रही। आखिरकार जब नोएडा पुलिस के पास मामला पहुंचा तो सर्विलांस सेल ने उसे खोज निकाला। शबनम कहती है कि भारत आकर मेरा सपना सच हुआ और पुलिस की मदद से बेटा मिल गया। मां से कहा था बंधक बना रखा है। जब अहमद ने अपनी मां शबनम को फोन किया तो रोते हुए कहा कि मां मैं भारत में हूं और दिल्ली के पास एक शहर में मुझे बंधक बना कर रखा गया है।
पहले तो बेटे की आवाज तीन महीने के बाद सुनकर शबनम गदगद हो गई लेकिन जैसे ही बंधक बनाने की बात सुनी तो तय कर लिया कि बेटे को छुड़ाने दिल्ली जाना है। कैंटीन संचालक ने नहीं कराया था वेरिफिकेशनशहर के अंदर धारा 144 लागू है और कैंटीन में काम करने वाले बांग्लादेशी युवक का वेरिफिकेशन भी नहीं कराया गया था। पुलिस अब कैंटीन व कंपनी के लोगों से इस बाबत पूछताछ करेगी। पुलिस का कहना है कि अगर इस युवक का वेरिफिकेशन नहीं हुआ होगा तो कार्रवाई की जाएगी।
इसके बाद वह दिल्ली फिर नोएडा पहुंची। नोएडा पुलिस ने उस मोबाइल नंबर के आधार पर बेटे को ढ़ढ निकाला। कोतवाली सेक्टर-20 पुलिस ने उसे कोर्ट में पेश कर दिया है। इसके बाद कानूनी कार्रवाई कर उसे वापस बांग्लादेश भेज दिया जाएगा। जेसोर, बांग्लादेश निवासी अहमद अली (19) पांच महीने पहले हीरो होंडा कंपनी के ड्राइवर के साथ बैनापुर बॉर्डर होते हुए भारत आ गया था। कंटेनर के चालक ने उसे ड्राइवर की नौकरी देने की बात कही थी। रास्ते में अहमद को चालक का व्यवहार अच्छा नहीं लगा तो वह फरीदाबाद में उससे अलग हो गया।
Source : http://www.livehindustan.com/news/location/rajwarkhabre/article1-story-39-0-262171.html&locatiopnvalue=1
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