आजकल यह जानना जितना आसान है कि क्या मैं गर्भवती हूं या
नहीं ठीक उतना ही यह जानना भी आसान हो गया कि मां बनने के लिए सबसे
अच्छा समय य दिन कौन सा है। बेस्ट फर्टिलिटी डेट चेक करने के लिए खास
स्ट्रिप्स यूज कर सकती हैं। ये स्ट्रिप्स ल्यूटेनाइजिंग हार्मोन का
लेवल चेक कर बताती हैं कि कंसीव करने के लिए आपकी बॉडी कब सबसे ज्यादा
रिसेप्टिव है।
किसी भी महिला की बॉडी मंथ में चार दिन सबसे ज्यादा रिसेप्टिव होती है और इन्हीं दिनों में फीमेल बॉडी में ऑव्यूलेशन भी होता है। इस दौरान एक ओवरी में 15-20 एग्स मैच्योर होते हैं और इनमें से सबसे बड़े साइज के एग को मसल्स फैलोपियन ट्यूब में शिफ्ट करती हैं। यानी ऑव्यूलेशन में ओवरीज में से एग्स रिलीज होते हैं।
यह एग 12 से 24 घंटे तक एक्टिव रहता है। इस पीरियड में अगर हेल्दी स्पर्म और एग मिल जाएं, तो प्रेग्नेंसी हो जाती है। गौरतलब है कि एक हेल्दी स्पर्म फीमेल बॉडी में करीब 7 दिनों तक एक्टिव रहता है। इसका मतलब हुआ कि प्रेग्नेंट होने के लिए आपको यह पता होना चाहिए कि आपकी बॉडी से एग कब रिलीज हो रहा है, ताकि उस पीरियड में सेक्स किया जा सके।
आमतौर पर फीमेल बॉडी मिड-साइकल के दौरान सबसे ज्यादा फर्टाइल होती है। मसलन अगर आपकी पीरियड साइकिल 28 दिन की है, तो आपकी बॉडी लास्ट पीरियड स्टार्ट होने के 14वें दिन कंसीव करने के लिए सबसे ज्यादा एक्टिव होगी। हालांकि ऐसी फर्टिलिटी 12वें से लेकर 16वें दिन तक रहेगी। ऑव्यूलेशन स्ट्रिप यही पता लगाने में हेल्प करती है कि आपकी बॉडी कब सबसे ज्यादा रिसेप्टिव होगी।
कैसे करती हैं काम
ऑव्यूलेशन में एग रिलीज होने से एक या दो दिन पहले फीमेल बॉडी में ल्यूटेनाइजिंग हार्मोन (एलएच) रिलीज होता है। बॉडी में इसकी प्रेजेंस का मतलब है कि आपकी फर्टाइल साइकल का टाइम आ गया है। हालांकि आपकी बॉडी में इस हार्मोन की कुछ अमाउंट हमेशा रहती है, लेकिन ऑव्यूलेशन के दौरान यह दो से पांच गुणा तक बढ़ जाती है।
इस लेवल को चेक करने के लिए महिलाएं ऑव्यूलेशन स्ट्रिप की मदद ले रही हैं। इससे एलएच का लेवल चेक करके वे पता लगा लेती हैं कि कंसीव करने के लिए उनकी बॉडी कब सबसे ज्यादा तैयार होगी।
इस टेस्ट को करने के लिए दिन के टाइम यूरिन की कुछ ड्रॉप्स टेस्ट किट पर डालनी होती हैं और 10 मिनट में ही एलएच लेवल का रिजल्ट पता लग जाता है। वैसे, कुछ टेस्ट किट्स में सलाइवा के जरिए भी यह टेस्ट किया जा सकता है। हालांकि दोनों ही तरह के टेस्ट को करने से पहले आपको कुछ प्रिकॉशंस रखने होंगे। मसलन सुबह का यूरिन सैंपल ना लें और यूरिन टेस्ट करने के दो घंटे पहले लिक्विड लेना अवॉइड करें। वहीं सलाइवा टेस्ट करते हुए मॉर्निंग का फ्रेश सैंपल लेना ठीक रहेगा। इससे पहले चाय, कॉफी या पानी वगैरह कुछ ना लें।
Surce : http://www.aparajita.org/read_more.php?id=763&position=2&day=4
किसी भी महिला की बॉडी मंथ में चार दिन सबसे ज्यादा रिसेप्टिव होती है और इन्हीं दिनों में फीमेल बॉडी में ऑव्यूलेशन भी होता है। इस दौरान एक ओवरी में 15-20 एग्स मैच्योर होते हैं और इनमें से सबसे बड़े साइज के एग को मसल्स फैलोपियन ट्यूब में शिफ्ट करती हैं। यानी ऑव्यूलेशन में ओवरीज में से एग्स रिलीज होते हैं।
यह एग 12 से 24 घंटे तक एक्टिव रहता है। इस पीरियड में अगर हेल्दी स्पर्म और एग मिल जाएं, तो प्रेग्नेंसी हो जाती है। गौरतलब है कि एक हेल्दी स्पर्म फीमेल बॉडी में करीब 7 दिनों तक एक्टिव रहता है। इसका मतलब हुआ कि प्रेग्नेंट होने के लिए आपको यह पता होना चाहिए कि आपकी बॉडी से एग कब रिलीज हो रहा है, ताकि उस पीरियड में सेक्स किया जा सके।
आमतौर पर फीमेल बॉडी मिड-साइकल के दौरान सबसे ज्यादा फर्टाइल होती है। मसलन अगर आपकी पीरियड साइकिल 28 दिन की है, तो आपकी बॉडी लास्ट पीरियड स्टार्ट होने के 14वें दिन कंसीव करने के लिए सबसे ज्यादा एक्टिव होगी। हालांकि ऐसी फर्टिलिटी 12वें से लेकर 16वें दिन तक रहेगी। ऑव्यूलेशन स्ट्रिप यही पता लगाने में हेल्प करती है कि आपकी बॉडी कब सबसे ज्यादा रिसेप्टिव होगी।
कैसे करती हैं काम
ऑव्यूलेशन में एग रिलीज होने से एक या दो दिन पहले फीमेल बॉडी में ल्यूटेनाइजिंग हार्मोन (एलएच) रिलीज होता है। बॉडी में इसकी प्रेजेंस का मतलब है कि आपकी फर्टाइल साइकल का टाइम आ गया है। हालांकि आपकी बॉडी में इस हार्मोन की कुछ अमाउंट हमेशा रहती है, लेकिन ऑव्यूलेशन के दौरान यह दो से पांच गुणा तक बढ़ जाती है।
इस लेवल को चेक करने के लिए महिलाएं ऑव्यूलेशन स्ट्रिप की मदद ले रही हैं। इससे एलएच का लेवल चेक करके वे पता लगा लेती हैं कि कंसीव करने के लिए उनकी बॉडी कब सबसे ज्यादा तैयार होगी।
इस टेस्ट को करने के लिए दिन के टाइम यूरिन की कुछ ड्रॉप्स टेस्ट किट पर डालनी होती हैं और 10 मिनट में ही एलएच लेवल का रिजल्ट पता लग जाता है। वैसे, कुछ टेस्ट किट्स में सलाइवा के जरिए भी यह टेस्ट किया जा सकता है। हालांकि दोनों ही तरह के टेस्ट को करने से पहले आपको कुछ प्रिकॉशंस रखने होंगे। मसलन सुबह का यूरिन सैंपल ना लें और यूरिन टेस्ट करने के दो घंटे पहले लिक्विड लेना अवॉइड करें। वहीं सलाइवा टेस्ट करते हुए मॉर्निंग का फ्रेश सैंपल लेना ठीक रहेगा। इससे पहले चाय, कॉफी या पानी वगैरह कुछ ना लें।
Surce : http://www.aparajita.org/read_more.php?id=763&position=2&day=4
Comments
RECENT POST ...: जिला अनूपपुर अपना,,,
मुझे कैमिस्ट्री लग रही है
ऊपर वाले के काम की
सब मिस्ट्री लग रही है !
क्या ????