जैक को अपने शोध की पुष्टि करवाने में काफ़ी मशक्कत करनी पड़ी अमरीका के मेरीलैंड में रहने वाले 15 साल के छात्र जैक एंद्राका के शौक बिल्कुल वैसे हैं जैसा उनकी उम्र के स्कूली छात्रों का होता है. जैक को कयाक और टीवी शो देखना काफी पसंद है और खाली वक्त में उन्हें दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित कैंसर लैबोरेट्री में शोध करना भी पसंद है. जैक ने कैंसर की जाँच की एक प्रणाली विकसित की है. उनका दावा है कि उन्होंने पैनक्रियास के कैंसर की जांच करने वाली जो टेस्ट प्रणाली को तैयार किया है वो अब तक की सभी जांच प्रणालियों से 168 गुना तेज़ और करीब 1000 गुना सस्ता और 400 गुना ज्यादा असरदार है. उनका कहना है कि इस टेस्ट की कम कीमत से अस्पतालों में इसकी उपलब्धता तो बढ़ेगी ही, गरीब और कम आय वाले मरीज़ भी इसका इस्तेमाल कर पाएंगे. जैक अब अपने शोधकार्य को अमरीकी शहर बाल्टीमोर के हॉकिंस विश्वविद्यालय में पूरा कर रहे हैं. गूगल की मदद से जैक के अनुसार इस शोध में गूगल से भी काफ़ी ...
बस एक माँ है जो मुझ से कभी ख़फ़ा नहीं होती