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गो माता पर होता अत्याचार

माँ क्या होती है, माँ क्या अर्थ होता है, माँ का अर्थ शायद आज लोग भूल गए हैं। वैसे तो हम भारतीय हमेशा से कहते आए है गाय हमारी माता है ,मगर कल मैंने facebook पर एक वीडियो देखा जिसका शीर्षक था।  "गौ माता पर होता अत्याचार" देखा कर ही मेरा दिल दहल गया। तो जरा सोचिए उन पर क्या बीती होगी। मासूम बेगुना बेज़ुबान जानवार को कितनी बेरहमी से पकड़ कर काट दिया गया। जब हम किसी इंसान का दर्द नहीं देख सकते तो उस बेज़ुबान जानवार का कैसे देख सकते हैं।  जब हम हमारी माँ का किसी भी तरह का कोई अपमान नहीं सह सकते तो फिर उस माँ का अपमान हम खुद कैसे होते हुए देख सकते है।  एक इंसान होने के नाते ममता को जितना अच्छी तरह से हम समझ सकते हैं। शायद कोई जानवन न भी समझे, लकिन फिर भी माँ तो माँ ही होती है चाहे किसी इंसान की हो या जानवर की ममता की परिभाषा न कभी बदली है, न ही कभी बदलेगी।  और इस सब के बवाजूद भी बिना कुछ सोचे समझे उस रख्शसो ने एक नहीं कई सारी गायों के साथ वही किया जो उन्हे नहीं करना चाहिए था।
किस बात की सजा दी गई उन मासूमो को क्यूँ किसी ने नहीं सोचा उन को बचाने के बारे में उनके मन से उठती या निकलती बदूआ के बारे में वैसे तो हम किन्नरों की बदूआ से डर कर उनका कहा मान लिया करते हैं , तो फिर उस बेज़ुबान मासूम जानवार के दिल से निकालने वाली बदूआ का खयाल क्यू नहीं आया उनको जिन्हों यह पाप करते वक्त अंजाने में भी एक बार, एक पल के लिए भी उनको होने वाले दर्द के बारे में एक बार भी नहीं सोचा क्या कोई है जो इस का जवाब दे सके जिस का जीवन ऊपर वाले ने खुद सदैव देने के लिए बनाया है।  जो जीवत  रहने से लेकर म्र्त्त्यु  को प्राप्त  होने तक आप ओ केवल देती है। जैसे हमारी अपनी माँ और बदले में ऐसा कुछ खास नहीं लेती जिसको लेना कहा जाये उस माँ समान गौ माता का ऐसा निरादर हर हिंदुस्तानी के लिए बेहद शेर्म नाक बात है। वीडियो देखने बाद उन सभी लोगों के लिए जो इस पाप में शामिल थे इतनी बदूआ निकली है की क्या कहूँ।
मैं भी एक इंसान हूँ और किसी दूसरे इंसान के बारे में बुरा बोलने से पहले दस बार सोचती हूँ । क्यूंकि मेरा ऐसा मानना है की जब आप किसी पर एक उंगली उठाते हैं तो खुद आप की और आप ही की तीन उँगलियों का इशारा होता है की पहले अपने अंदर झांक कर देखो फिर किसी और पर उंगली उठाना यहाँ कबीर दास जी का वो दोहा मुझे बेहद याद आता है " बुरा जो देखन मैंने चला बुरा न मिलया कौई जो दिल खोजा आप ना मुझसे बुरा न कोई "   लकीन उस वीडियो को देखने के बाद तो यह दोहा भी मुझे अब सच नहीं लगता अब तो लगता है मुझसे भी बहुत बुरे-बुरे लोग है, इस संसार में जिन के अंदर शायद खुदा दिल बनाना ही भूल गया या इंसानियत का जज्बा डालना ही भूल गया। इसलिए उन इन्सानो को देखने के बाद दिल से यही निकलता है भगवान उनको भी ऐसी ही तड़पती हुई मौत दे की वो भीख भी मागे मौत की तो उन्हे मौत भी ठुकरा दे ,उनको मर कर भी कभी शांति न मिले, उस वीडियो का लिंक नहीं है मेरे पास यदि होता तो मैंने दिखती आप को और आप के मुह से भी मेरी तरह यही अप शब्द नहीं निकलते तो मैं जानती ...मेरे क्या किसी भी दिल रखने वाले इंसानियत के जज़्बे को समझने वाले इंसान के मुह से यही शब्द निकलेंगे उस वीडियो को देखने के बाद इसलिए जागो सोने वालों और हो सके तो इस और भी जागरुगता फैलाने मैंने सहायता करो की लोग अपने मतलब के लिए इन मासूम और बेगुना और बेज़ुबान जानवारों की बली न चढ़ा कर शाकाहार को अपनाए चमड़े के  बजाये प्लास्टिक्त या सूती या जुट से बनी चीज़ों का स्तेमाल करें और परियावरण को स्वस्थ बनाने में सहायता करे।
http://www.facebook.com/video/video.php?v=146107318809046 यह देखिये मिल गाया मुझे वीडियो का लिंक देख कर आप का दिल भी न दहल  उठे तो मेरा नाम नहीं। जन्माष्टमी जैसे पवन पर्व पर जिस दिन भगवान श्री कृष्ण के साथ गौ माता की भी पूजा की जाती है क्यूंकि गाय उनको भी बहुत प्रिय थी। ऐसे पवन दिन पर ऐसा वीडियो देखर मेरा तो मन ही खराब गया था। और इस वीडियो को देखने के बाद आप ही उस इंसान की सजा बताएं जिसने ये सब किया ...मेरे हिसाब से तो उस बक्शी के लिए जितनी भी सजा दी जाए वो कम ही होगी जय हिन्द.....

Comments

Shikha Kaushik said…
aise log insan kahlane ke adhikari nahi hain .inko bhi isi tarah kaat dena chahiye .sarthak prastuti .

BHARTIY NARI
Shalini kaushik said…
क्या कहूं आपकी ये प्रस्तुति इस ब्लॉग की शायद सबसे सही प्रस्तुति होगी क्योंकि गौ माता हम सबकी माता हैं और आज आपने उन्हें यहाँ स्थान दे इस ब्लॉग को सार्थक किया है गौ माता में ३४ करोड़ देवी देवता वास करते हैं ऐसा कहा जाता है और ये भी की भारत वर्ष में गौ माता की पूजा होती है और यही वजह है कि यहाँ गाय काटी जाती है वाकई में आप ने सही कहा कि ऐसा दृश्य मन ख़राब कर देता है मैं सही में कहूं तो मैंने वीडियो नहीं देखी क्योंकि मैं नहीं देख सकती .हम सबकी माँ जो हमारी माँ की भी माँ कही जाएँगी अर्थात गौ माता को प्यारी माँ पर स्थान देने के लिए आभार.
Pallavi saxena said…
भावनाओं को समझने के लिए आप का बहुत- बहुत धन्यवाद... शालिनी जी...
G.N.SHAW said…
दर्द भरी दास्ताँ ! गौ माता अपने लोगो से ही तिरस्कार झेल रही है ! भगवान सबकी भला करें !
iqbal said…
गौपूजा---आजकल का सबसे बडा देश द्रोह है
http://www.scribd.com/doc/62151412/Gao-pooja-Ratan-Lal-Bansal

जब हम मच्‍छर को मारते हैं वो भी किसी की मां या बाप ही होता है, इन्‍सान कैसा संगदिल होगया एक मां के दर्द को समझ नहीं पा रहा, इन्‍सान कितना बेवकूफ हो गया है एक भूसा खाने वाले और गोबर करने वाले जानवर को अपनी मां जैसा प्‍यार करता है, उसके मूत्र को उत्तम औषधि बतलाता है लेकिन जिस मां ने उसे वाकई जन्‍म दिया, उसको गीले में न सोने दिया उसके मूत्र को कभी सम्‍मान नहीं देता, और थोडा बहुत अगर मां का है तो बाप से बिल्‍कुल ही गाफिल उसे हर तरफ माता माता ही दिखायी देती है बैलपिता का किधर भी जिक्र नहीं

गउ विषय पर आपके लिए बडी तलाश के बाद एक आर्टिकल लाया हूं जो पढ लेगा समझो बहुत कुछ पालेगा

http://www.scribd.com/doc/62151412/Gao-pooja-Ratan-Lal-Bansal
गौपूजा---आजकल का सबसे बडा देश द्रोह है
iqbal said…
शालिनी कौशिक - आपने एक करोड संख्‍या बढा दी, 33 करोड का हिसाब ही भारी है 34 संख्‍या कर दोगी तो हिसाब देना और मुश्किल हो सकता है, एक छोटा सा लेख आपके विचार जानने के लिए रख रहा हूं आशा करता हूं निराश नहीं करेंगी


तैंतीस करोड़ देवी देवताओं का सच
http://vinnyraga.blogspot.com/2011/07/blog-post.html

मैंने एक ग्रुप में अपने मित्रो से पूछा की क्या किसी को कथित 33 करोड़ देवी देवताओं के नाम पता हैं तो बहुत सारे लोगो ने कहा की हमें पता है ........ मुझे इस बात से कुछ लेना देना नहीं की वो कौन से देवी देवता है ...... हाँ एक रोचक चीज सामने आई की कुछ लोगो ने कहा की गाय में कथित 33 करोड़ देवी देवता होते हैं ......कुछ लोगो ने कहा की हर प्राणी, गृह, पक्षी, तीर्थ, ऋषि सभी देवी देवता हैं ...... खैर ये मुद्दा नहीं है ..... बात तर्क से हो तो ठीक है और तर्क तथ्यों पर होता है ...... तथ्य ये हैं .................

*** यदि बिना खाए पिए सोये लगातार इन कथित देवताओं के नाम लिए जाए तो स्थिति क्या होगी .....
** यदि प्रति सेकण्ड एक देवी या देवता का नाम लिया जाए तो कथित 33 करोड़ देवी देवता को पुकारने के लिए 3820 दिन अर्थात 10 साल 170 दिन का समय चाहिए
** यदि प्रति मिनट एक देवी या देवता का नाम लिया जाए तो कथित 33 करोड़ देवी देवता को पुकारने के लिए 627 साल 310 दिन का समय चाहिए
अब आप सोचिये क्या ये संभव है ............ अब कुछ कथित देवता तो नाराज होने स्वाभाविक हैं ही ..... क्योंकि कथित भगवान् ने हमें इतनी बड़ी जिंदगी नहीं दी है की सारे कथित देवी देवता खुश हो जाए ....... वैसे भी सारे कथित देवी देवता एक दुसरे से जलन से मरे जाते है ..... इसलिए इस कल्पाना को छोड़ अपना और देश का विकास सोचो
http://vinnyraga.blogspot.com/2011/07/blog-post.html
Pallaviji,

Hi, we really like your words.

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