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मां का प्यार अनकंडीशनल होता है

विज्ञापन की दुनिया का जाना-माना नाम तो वह हैं ही, प्रसून जोशी की एक पहचान वे फिल्मी गीत भी हैं, जो उन्होंने पिछले कुछ साल में लिखे हैं। वह नई पीढ़ी के गीतकारों की उस पांत का हिस्सा हैं, जिसने हिंदी गीतों को नई ऊंचाई दी। प्रसून ने फिल्मी गीतों में कविता को ठीक उसी तरह प्रतिष्ठित करने का काम किया है, जैसे कभी कवि शैलेंद्र, साहिर लुधियानवी और इंदीवर ने किया था। प्रसून विज्ञापन की दुनिया से फिल्मों में आए हैं, इसलिए बाजार के दबाव और कविता के मर्म, दोनों को बखूबी समझते हैं। पिछले दिनों दीप भट्ट ने उनसे लंबी बात की। प्रस्तुत हैं बातचीत के कुछ अंश :
आपने मां पर बहुत गीत लिखे, क्या ये सिर्फ कहानी की मांग पर ही लिखे गए?
मेरा मां से बहुत गहरा लगाव है। जब मैंने तारे जमीं पर के लिए मां से जुड़ा गीत लिखा, तो उसमें मां से दूर हॉस्टल में रहने वाले बच्चे के भय और मां से भावनात्मक लगाव को दिखाया। इस पूरे गीत में मेरे भीतर का बच्चा भी मौजूद है। एक दिन जब में मुंबई में ताज होटल से बाहर निकल रहा था, तो एक अस्सी साल का बूढ़ा मुझसे लिपटकर रोने लगा। उसने कहा कि प्रसून मैं अस्सी का हूं और मेरी मां को गुजरे हुए एक अरसा हो गया, लेकिन तुम्हारे इस गीत में इतनी ताकत है कि इसे सुनकर मुझे यूं लगा कि मैं एक बच्चे में तब्दील हो गया हूं और खटिया के नीचे दुबका बैठा हूं। मां मुझे खोज रही है। मां का प्यार अनकंडीशनल होता है। पिता हमेशा डिमांडिंग होते हैं। ‘मेरा नाम करेगा रोशन जग में मेरा राज दुलारा’ ये पिता का एटिट्यूड है। अगर नाम रोशन नहीं करेगा, तो पिता नाराज हो जाएंगे।

Comments

Shikha Kaushik said…
माँ के प्यार में मिलावट नहीं होती ,koi शर्त नहीं होती .बहुत अच्छी प्रस्तुति .
आज सुबह ही 'हिन्‍दुस्‍तान' में यह इंटरव्‍यू पढा था, इसे यहां भी देखना अच्‍छा लगा। पर मेरे विचार में पोस्‍ट में इसका उल्‍लेख किया जाना चाहिए था कि यह पोस्‍ट कहां से ली गयी है।

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क्‍या आपके ब्‍लॉग में वाइरस है?
बिल्‍ली बोली चूहा से: आओ बाँध दूँ राखी...
DR. ANWER JAMAL said…
कुछ काम टिप्पणीकारों के लिए भी छोड़ दिया जाता है यहां।
अनवर जी, यह मजाक में उडाने की बात नहीं। ब्‍लॉग में प्रकाशित सामग्री को लेखक की मौलिक प्रस्‍तुति माना जाता है। लेकिन यदि लेखक उस सामग्री को कहीं और से ले रहा है, तो यह उसकी नैतिकता का तकाजा है कि उसे पोस्‍ट में उसका उल्‍लेख करना चाहिए।
DR. ANWER JAMAL said…
@ रजनीश जी ! यहां आप जैसे जागरूक बुद्धिजीवी मौजूद हैं और वे लेख की चंद लाइनें देखकर ही जान लेते हैं कि लेख ब्लॉगर की क़लम से निकला है या कहीं से कॉपी पेस्ट किया है।
इस लेख को देखकर कोई भी व्यक्ति यह सहज ही जान सकता है।
ब्लॉगर्स के कॉमन सेंस पर भी कभी कभी भरोसा कर लिया जाए तो इसमें कुछ बुरा नहीं है।
आपने आकर बता ही दिया है और हमारी उम्मीद पर आप खरे उतरे।
आप न आते तो आपकी ही एसोसिएशन से कोई वीरूभाई चले आते वे भी आपकी ही तरह ज्ञान की बात करते हैं।
ग़र्ज़ यह कि आप चिंता न करें, भ्रम में पड़ने वाला यहां कोई नहीं है।
भ्रम में वही पड़ता है जो ख़ुद ही सच से मुंह मोड़ता है।

एक बार फिर शुक्रिया !
कम से कम आपकी टिप्पणियों से लगा तो सही कि लोग न सिर्फ़ पढ़ते हैं बल्कि माइक्रोस्कोप लगाकर पढ़ते हैं,
वर्ना तो हम यही समझने लगे थे कि बेकार है हवाला देना।
क्या हवाला दें ?
किसे हवाला दें ?
जब लोग महज़ सरसरी तौर पर ही देखकर गुज़र जाते हैं।
लीजिए आप हमारी एक और पोस्ट देखिए और इसमें हवाला भी है
क्या हम इन हालत में मनाएंगे जश्न ए आज़ादी ?
मा तो मा ही होती है उसकी बराबरी संभव नहीं |
माँ को भुलाना भी संभव नहीं है |उसके ऋण को उतारा नहीं जा सकता |
आशा
बेशक!
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स्वतन्त्रता की 65वीं वर्षगाँठ पर बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
बेशक!
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स्वतन्त्रता की 65वीं वर्षगाँठ पर बहुत-बहुत शुभकामनाएँ!
आशा said...

"मा तो मा ही होती है उसकी बराबरी संभव नहीं|"

--जमाल जी ये ज़रा उनको बताइये/समझाइये जो तथाकथित कविता? की झोंक में बहन के प्यार को माँ से तुलना करते हैं....बल्कि ऊंचा भी बताते हैं...
अगर आपको प्रेमचन्द की कहानिया पसंद हैं तो आपका मेरे ब्लॉग पर स्वागत है |
http://premchand-sahitya.blogspot.com/
मेरी माँ मेरे लिए मेरी ज़िन्दगी की सबसे बड़ी प्रेरणा है!
आपको एवं आपके परिवार "सुगना फाऊंडेशन मेघलासिया"की तरफ से भारत के सबसे बड़े गौरक्षक भगवान श्री कृष्ण के जनमाष्टमी के पावन अवसर पर बहुत बहुत बधाई स्वीकार करें लेकिन इसके साथ ही आज प्रण करें कि गौ माता की रक्षा करेएंगे और गौ माता की ह्त्या का विरोध करेएंगे!

मेरा उदेसीय सिर्फ इतना है की

गौ माता की ह्त्या बंद हो और कुछ नहीं !

आपके सहयोग एवं स्नेह का सदैव आभरी हूँ

आपका सवाई सिंह राजपुरोहित

सबकी मनोकामना पूर्ण हो .. जन्माष्टमी की आपको भी बहुत बहुत शुभकामनायें
बहुत सुन्दर प्रस्तुति..
जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें!.
Anwar Saheb,

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