जीवन में गर चाहो बढ़ना,
माँ की पूजा करना.
माँ जो चाहे तुमसे प्यारे,
वही काम तुम करना.
माँ के आशीर्वाद को पाकर,
जब तुम कहीं भी जाओगे.
मनमाफिक हो काम तुम्हारा,
खुशियाँ सारी पाओगे.
कोई काम करने से पहले माँ का कहा ही करना,
माँ जो चाहे तुमसे प्यारे वही काम तुम करना.
माँ ने ही सिखलाया हमको,
बड़ों की सेवा करना.
करनी पड़े मदद किसी की,
कभी न पीछे हटना.
करो सहायता यदि किसी की अहम् न इसका करना,
माँ जो चाहे तुमसे प्यारे वही काम तुम करना.
शालिनी कौशिक
Comments
और चुनी गई तस्वीरें भी अच्छी हैं ।
शुक्रिया !
dr,sahab aapke kahe anusar hamari vani ke link par click kiya tha kintu vahan post nahi dikhayee di.kyon?
maa par likhe ko padne ka maza hi kuch orr hota hai :)
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...दिल में कसक आज़ भी हैं ||
maa par likhe ko padne ka maza hi kuch orr hota hai :)
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...दिल में कसक आज़ भी हैं ||
maa par likhe ko padne ka maza hi kuch orr hota hai :)
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...दिल में कसक आज़ भी हैं ||
रचना और चित्रों ने पूरा न्याय किया है ---
गर गलत घट-ख्याल आये,
रुत सुहानी बरगलाए
कुछ कचोटे काट खाए,
रहनुमा भी भटक जाए
वक्त न बीते बिताये,
काम हरि का नाम आये- सीख माँ की काम आये--
हो कभी अवसाद में जो,
या कभी उन्माद में हो
सामने या बाद में हो,
कर्म सब मरजाद में हो
शर्म हर औलाद में हो,
नाम कुल का न डुबाये-
काम हरि का नाम आये- सीख माँ की काम आये--
कोख में नौ माह ढोई,
दूध का न मोल कोई,
रात भर जग-जग के सोई,
कष्ट में आँखे भिगोई
सदगुणों के बीज बोई
पौध कुम्हलाने न पाए
काम हरि का नाम आये- सीख माँ की काम आये--
प्यारी रचना -बधाई हो
माँ के आशीर्वाद को पाकर,
जब तुम कहीं भी जाओगे.
मनमाफिक हो काम तुम्हारा,
खुशियाँ सारी पाओगे.
सच है
शुक्ल भ्रमर ५
सुधा भार्गव