औरतों का दिन मनाया जा रहा है हर तरफ
सारी दुनिया कर रही है बिन्ते हव्वा को सलाम
माँ हो बेटी हो कि ज़ौजा हो कि बहनें हों शकील
उनसे हर रिश्ते का है हम सब पे लाज़िम अहतराम
शकील शम्सी , कॉलम हर्फ़े आख़िर , राष्ट्रीय सहारा उर्दू , पृ. 7 , 8 मार्च 2011
shakeelshamsi@gmail.com
शब्दार्थ : बिन्ते हव्वा -आदिमाता हव्वा की बेटी , ज़ौजा - पत्नी , अहतराम -आदर , सम्मान
सारी दुनिया कर रही है बिन्ते हव्वा को सलाम
माँ हो बेटी हो कि ज़ौजा हो कि बहनें हों शकील
उनसे हर रिश्ते का है हम सब पे लाज़िम अहतराम
शकील शम्सी , कॉलम हर्फ़े आख़िर , राष्ट्रीय सहारा उर्दू , पृ. 7 , 8 मार्च 2011
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शब्दार्थ : बिन्ते हव्वा -आदिमाता हव्वा की बेटी , ज़ौजा - पत्नी , अहतराम -आदर , सम्मान
Comments
इतनी बेहतर उर्दू नहीं आती... परन्तु शब्दार्थ काम कर गए...
कभी फुर्सत मिले तो नाचीज़ की दहलीज़ पर भी आयें-
http://vangaydinesh.blogspot.com/
कभी फुर्सत मिले तो नाचीज़ की दहलीज़ पर भी आयें-
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कभी फुर्सत मिले तो नाचीज़ की दहलीज़ पर भी आयें-
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