गर्भावस्था के शुरू में भरपेट नाश्ता करने पर लड़के के जन्म की संभावना अधिक
लंदन। मां बनने की तैयारियों में जुटी महिलाएं ज़रा ग़ौर फ़रमाएं। अगर आप अपनी पहली संतान के रूप में बेटा पाना चाहती हैं, तो पेट भर नाश्ता करना न भूलें। एक नए अध्ययन के मुताबिक़ प्रेग्नेंट महिलाएं गर्भावस्था के शुरूआती दौर में जो चीज़ें खाती हैं, उससे न केवल उनके गर्भ में पल रहे शिशु का स्वास्थ्य बल्कि लिंग भी निर्धारित होता है। उच्च वसायुक्त ब्रेकफ़ास्ट करने से जहां लड़के के जन्म की संभावना बढ़ती है, वहीं हल्के नाश्ते के सेवन से औलाद के रूप में बेटी मिलने की गुंजाइश अधिक रहती है।
मिसौरी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता दर्जनों गर्भवती महिलाओं के बच्चों के लिंग पर उनके खानपान का प्रभाव आंकने के बाद इस नतीजे पर पहुंचे हैं। उन्होंने पाया, गर्भधारण से पहले और उसके बाद नाश्ते से समझौता करने वाली महिलाओं के गर्भ में संभोग के दौरान नर भ्रूण नष्ट हो जाते हैं।
हिन्दुस्तान, मेरठ संस्करण, दिनांक 30 जनवरी 2011
.................................................................
विज्ञान के अनुसार मनुष्य जाति में लिंग का निर्धारण वाई क्रोमोज़ोम के कारण होता है जो कि मर्द से आता है। यह ठीक है। मर्द से एक्स और वाई दोनों ही क्रोमोज़ोम्स आते हैं जबकि औरत में केवल एक्स क्रोमोज़ोम ही पाया जाता है। लेकिन आख़िर वे कौन सी कैमिकल कंडीशंस होती हैं जिनमें से एक हालत में तो औरत के एक्स क्रोमोज़ोम से मर्द का एक्स क्रोमोज़ोम मिलता है और दूसरी हालत में वाई क्रोमोज़ोम। इस आधुनिक शोध में औरत के शरीर की इसी कैमिकल कंडीशन का अध्ययन किया गया है। इस संबंध में आप इसी ब्लाग की एक और पोस्ट भी देख सकते हैं।
http://pyarimaan.blogspot.com/2011/01/relation-between-vegetables-and-girl.html
लंदन। मां बनने की तैयारियों में जुटी महिलाएं ज़रा ग़ौर फ़रमाएं। अगर आप अपनी पहली संतान के रूप में बेटा पाना चाहती हैं, तो पेट भर नाश्ता करना न भूलें। एक नए अध्ययन के मुताबिक़ प्रेग्नेंट महिलाएं गर्भावस्था के शुरूआती दौर में जो चीज़ें खाती हैं, उससे न केवल उनके गर्भ में पल रहे शिशु का स्वास्थ्य बल्कि लिंग भी निर्धारित होता है। उच्च वसायुक्त ब्रेकफ़ास्ट करने से जहां लड़के के जन्म की संभावना बढ़ती है, वहीं हल्के नाश्ते के सेवन से औलाद के रूप में बेटी मिलने की गुंजाइश अधिक रहती है।
मिसौरी यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता दर्जनों गर्भवती महिलाओं के बच्चों के लिंग पर उनके खानपान का प्रभाव आंकने के बाद इस नतीजे पर पहुंचे हैं। उन्होंने पाया, गर्भधारण से पहले और उसके बाद नाश्ते से समझौता करने वाली महिलाओं के गर्भ में संभोग के दौरान नर भ्रूण नष्ट हो जाते हैं।
हिन्दुस्तान, मेरठ संस्करण, दिनांक 30 जनवरी 2011
.................................................................
विज्ञान के अनुसार मनुष्य जाति में लिंग का निर्धारण वाई क्रोमोज़ोम के कारण होता है जो कि मर्द से आता है। यह ठीक है। मर्द से एक्स और वाई दोनों ही क्रोमोज़ोम्स आते हैं जबकि औरत में केवल एक्स क्रोमोज़ोम ही पाया जाता है। लेकिन आख़िर वे कौन सी कैमिकल कंडीशंस होती हैं जिनमें से एक हालत में तो औरत के एक्स क्रोमोज़ोम से मर्द का एक्स क्रोमोज़ोम मिलता है और दूसरी हालत में वाई क्रोमोज़ोम। इस आधुनिक शोध में औरत के शरीर की इसी कैमिकल कंडीशन का अध्ययन किया गया है। इस संबंध में आप इसी ब्लाग की एक और पोस्ट भी देख सकते हैं।
http://pyarimaan.blogspot.com/2011/01/relation-between-vegetables-and-girl.html
Comments
समाज की कुछ घटिया रुढियों के आगे सर झुकाकर खुद भी उस सडन का हिस्सा बनना कहाँ तक उचित है ...
विज्ञान ने हमें बहुत कुछ दिया है ... क्या ज़रूरी है कि हम हमेशा गलत बातों को ही गले लगाएं ? क्या हम अंधे हैं कि हमें अच्छी बातें दिखाई नहीं देती ?
इस तरह की बातों से समस्या का समाधान संभव नहीं है ... ज़रूरी है इस घटिया मानसिकता का त्याग करना ... बेटा हो या बेटी समाज को दोनों कि ज़रूरत है ...