हर दम तो साथ - साथ रहता है !
जेसे हमसे ही वो कुच्छ कहता है !
माँ भी तो हर दम जान जाती है !
इशारों - इशारों मै सब कुछ बताती है !
जब वो थोडा और बड़ा होता है !
घुटनों के बल इधर - उधर डोलता है !
माँ का दम ही निकल जाता है ,
जब वो थोडा सा भी रोता है !
जब वो स्कूल को निकलता है !
माँ के पल्लू से हरदम लिपटता है !
लगता है जेसे माँ से बिछड़ने का ........
हरदम उसे खोफ सा ही रहता है !
जब जवानी मै पांव वो रखता है !
यारों दोस्तों से जब वो मिलता है !
तब माँ के उस एहसास को...............
थोडा - थोडा सा अब वो खोने लगता है !
अब माँ का आशीर्वाद फिर वो पाता है !
घर मै प्यारी दुल्हन ले के आता है !
उसके साथ रंग - बिरंगे सपने देख कर
फिर वो एक नया संसार बसाता है !
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