MAA क्या होती है माँ हजारों दर्द और तकलीफ़ें सह कर अपने बच्चे की एक मासूम मुस्कुराहट को देख कर अपने सारे गम भूला देने वाली होती है माँ , या फिर अपने बच्चे की खुशी के लिए कुछ भी त्याग करने को तत्पर रहने वाली होती है माँ , या फिर अपने बच्चे के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए दिल पर पत्थर रख कर निर्णय लेने वाली होती है माँ , माँ एक ऐसा शब्द है जिसके नाम में ही सुकून छुपा होता है प्यार छुपा होता है। जिसका नाम लेते ही हर दर्द जैसे कम हो जाता है , है ना , J कि सी ने कितना सुंदर कहा है ना की “ हाथों की लकीरें बादल जाएगी गम की यह जंज़ीरे पिघल जाएगी हो खुदा पर भी असर तू दुआओं का है ” कितना कुछ जुड़ा होता है हमारे इस जीवन में इस “ माँ ” शब्द के नाम के साथ जैसे प्यार , डांट यादें एक बच्चे के बचपन की यादें और एक माँ की खुद के बचपन और अपने बच्चे के बचपन दोनों की यादें, कुछ खट्टी कुछ मिट्ठी यादें। जब कोई माँ एक बच्चे को जन्म देती है तब वह उसके बचपन में अपना खुद का बचपन देख कर जीती है। उस नन्हे से पौधे को अपनी ममता और संस्कारों से पाल पोस कर बड़ा करती है इसलिए ...
Comments
हमारे बच्चे हमीं से सवाल करने लगे
ऐसा ही कुछ आपकी माता जी भी आपसे कहती होंगी।
प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (17-2-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com/
आपकी पीड़ा आपकी मां तक पहुँचती है और वो आपको दुलारती भी हैं .
मैं कोई अलंकार में नहीं कह रहा हूँ .
आप जब चाहे अपनी मां से मिल सकती है और उनसे बातें भी कर सकती हैं.
हर चीज़ आपके विश्वास और आपकी प्रार्थना पर टिकी हुई है .
जिसके पास यह दोनों हैं उसे विधि मैं बता सकता हूँ .
बिलकुल आसान और निरापद विधि है.
मां कभी जुदा नहीं होती और
रूहों से कभी फासला नहीं होता .