लंदन। मां बनने की तैयारी कर रही महिलाएं ज़रा ग़ौर फ़रमाएं। अगर आप पहली संतान के रूप में एक ख़ूबसूरत बेटी चाहती हैं, मांस-मच्छी से तौबा कर शाकाहार अपनाएं। एक नए अध्ययन के मुताबिक़ गर्भधारण से कुछ माह पहले कैल्शियम और मैगनीशियम युक्त फल-सब्ज़ियों का सेवन करने वाली 80 फ़ीसदी महिलाएं लड़कियों को जन्म देती हैं। इससे इतर प्रेगनेंसी के दौरान पोटैशियम और सोडियम भरपूर खाद्य सामग्रियां खाने पर लड़का पैदा होने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि मां की तरह गर्भस्थ शिशु के लिंग पर पिता के खान-पान का कोई असर नहीं पड़ता है।
मैसट्रिच यूनिवर्सिटी के स्त्री एवं प्रसूती रोग विशेषज्ञ लगातार पांच सालों तक 172 से अधिक गर्भवती महिलाओं के खान-पान का विश्लेषण कर इस नतीजे पर पहुंचे हैं। उन्होंने पाया कि हरी सब्ज़ियां, गाजर, सेब, पपीता, चावल, दूध-दही का नियमित सेवन करने वाली ज़्यादातर महिलाओं के घर में बेटी की किलकारियां गूंजती हैं।
इन खाद्य सामग्रियों से उनके रक्त में कैल्शियम और मैगनीशियम के स्तर में इज़ाफ़ा होता है। वहीं, गर्भावस्था में अपनी डाइट में केला और आलू शामिल करने वाली महिलाओं के शरीर में सोडियम और पोटैशियम की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे उनके बेटे को जन्म देने की गुंजाइश अधिक रहती है। प्रमुख शोधकर्ता एनेट नूरलैंडर ने खानपान पर ध्यान देने के अलावा बेटी की ख्वाहिशमंद महिलाओं को ओव्यूलेशन से तीन-चार दिन पर यौन संबंध बनाने की सलाह दी है। इसकी प्रमुख वजह मादा क्रोमोसोम से लैस शुक्राणुओं का निषेचन प्रक्रिया में ज़्यादा समय लेना है।
http://vedkuran.blogspot.com/2011/01/food-for-son.html
मैसट्रिच यूनिवर्सिटी के स्त्री एवं प्रसूती रोग विशेषज्ञ लगातार पांच सालों तक 172 से अधिक गर्भवती महिलाओं के खान-पान का विश्लेषण कर इस नतीजे पर पहुंचे हैं। उन्होंने पाया कि हरी सब्ज़ियां, गाजर, सेब, पपीता, चावल, दूध-दही का नियमित सेवन करने वाली ज़्यादातर महिलाओं के घर में बेटी की किलकारियां गूंजती हैं।
इन खाद्य सामग्रियों से उनके रक्त में कैल्शियम और मैगनीशियम के स्तर में इज़ाफ़ा होता है। वहीं, गर्भावस्था में अपनी डाइट में केला और आलू शामिल करने वाली महिलाओं के शरीर में सोडियम और पोटैशियम की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे उनके बेटे को जन्म देने की गुंजाइश अधिक रहती है। प्रमुख शोधकर्ता एनेट नूरलैंडर ने खानपान पर ध्यान देने के अलावा बेटी की ख्वाहिशमंद महिलाओं को ओव्यूलेशन से तीन-चार दिन पर यौन संबंध बनाने की सलाह दी है। इसकी प्रमुख वजह मादा क्रोमोसोम से लैस शुक्राणुओं का निषेचन प्रक्रिया में ज़्यादा समय लेना है।
http://vedkuran.blogspot.com/2011/01/food-for-son.html
Comments
आपको नौकरी के लिए भी मुबारकबाद है .
शायद आप बाद में कम लिख पायें इसलिए दो चार अच्छे से लेख 'प्यारी मान' को देकर अपने काम कि शुरुआत अपने कर्म से करें .
धन्यवाद .
इस महत्त्वपूर्ण जानकारी के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद...