सिर्फ एक सन्देश जो माँ की भावनाओं से अन्जान हैं !
कहते हैं सब ये ......
की माँ ....हर दम रोती है .......
बचपन मै बच्चों को .......
भूखा देख तड़पती है !
रात - रात भर जाग - जाग .
फिर लोरी सुना............
खुद जगती है !
बच्चों की बेबसी को
खूब वो समझती है !
तभी तो अच्छे - बुरे एहसासों मै
हर पल साथ वो रहती है !
बच्चों को सारा जीवन दे..............
फिर अपना सफ़र वो तय करती है !
बुड़ापे मै जब कभी वो ..........
बेबसी से गुजरती है !
तब कुच्छ बच्चे उन्हें .......
कुच्छ एसा सिला दे देते हैं !
उनके दर्द को कुच्छ और ......
बड़ा........... कर देते हैं !
उनके ही घर से उन्हें ..........
बेदखल करने का बड़ा गुनाह
वो कर देते हैं !.
और फिर शयद सारी जिंदगी
खुद भी तो वो तडपते हैं !
माँ जब पहले रोती थी !
तब भूखा देख के रोती थी !
और आज भी जब वो ..........
रोती है तो ..........
शायद हमारी बेबसी
पर ही रोती है .............
कितना प्यारा है ये रिश्ता
जिसमे कोई लालच नहीं
और किसी से कुछ ...........
पाने की भी चाहत नहीं .......
काश माँ की ममता को
हर कोई जान पाता
तो सबका जीवन भी..........
बिना प्रयत्न के ही सफल हो जाता !
माँ को भी तो ..........
हमारी इस बेवजह की बेबसी पर
यु आंसू न बहाना पड़ता ......
तो क्यु न उन आंसुओं को ..............
हम बहने से पहले ही रोक दें !
और उसके प्यारे एहसास को ...........
फिर से नया जीवन दे दें !
Comments
तब भूखा देख के रोती थी !
और आज भी जब वो ..........
रोती है तो ..........
शायद हमारी बेबसी
पर ही रोती है .............
bahut sunder aur ek dam sach! saadar
माँ दुआ करती हुई ख़्वाब में आ जाती है