इंसान के लिए अच्छा क्या है और बुरा क्या है ? इसे इंसान खुद नहीं जानता . जब तक इंसान अपने पैदा करने वाले के हुक्म को नहीं मानता तब तक वह अच्छा इंसान नहीं बन सकता. पैदा करने वाला क्या चाहता है ? आज इसकी परवाह कम लोगों को है. इस धरती पर ज़िंदा रहने का हक़ ऐसे ही लोगों का है. धरती पर जीवन और नैतिकता इन से ही है. दूसरे लोग तो जब तक ज़िंदा रहते हैं अनैतिकता और अनाचार करते हैं और उनमें से बहुत से आत्महत्या करके मर जाते हैं. आज भारत में हर चौथे मिनट पर एक नागरिक आत्महत्या कर रहा है. अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका लांसेट का सर्वे कहता है कि भारत में युवाओं की मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है आत्महत्या। जीवन का अंत करने वाले इन युवाओं की उम्र है 15 से 29 वर्ष है। आमतौर पर माना जाता है कि गरीबी, अशिक्षा और असफलता से जूझने वाले युवा ऐसे कदम उठाते हैं। ऐसे में इस सर्वे के परिणाम थोड़ा हैरान करने वाले हैं। इस शोध के मुताबिक उत्तर भारत के बजाय दक्षिण भारत में आत्महत्या करने वाले युवाओं की संख्या अधिक है। इतना ही नहीं देशभर में आत्महत्या से होने वाली कुल मौतों में से चालीस प्रतिशत केवल चार बड़े दक्षिणी राज्य...
बस एक माँ है जो मुझ से कभी ख़फ़ा नहीं होती