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प्यारे बच्चे


कितने प्यारे कितने न्यारे
दिल के सच्चे  होते बच्चे !
प्यारी - प्यारी बातें करके
सबके दिल को हरते बच्चे !
नन्हें  - नन्हें पैरों से फिर 
हर आँगन मै चलते बच्चे !
हर माँ - बाप के तो ...
दिल की धड़कन होते बच्चे !
दादा - दादी की छत्र - छाया मै
पल कर बड़े होते हैं बच्चे !
अरे ...नाना - नानी के भी तो
दिल से सच्चे  ...होते हैं बच्चे !
उन सबके बुड़ापे के ही तो
खेल  - खिलोने होते हैं बच्चे !
सारी अच्छी - अच्छी  बातें भी
 उन से ही सीखते बच्चे !
अब मै आगे क्या - क्या बोलूं
क्या उनसे जुदा हो सकतें हैं बच्चे ? 

Comments

POOJA... said…
वाह... बहुत ही प्यारी रचना...
DR. ANWER JAMAL said…
दिल है ख़ुश्बू है रौशनी है माँ
अपने बच्चों की जिंदगी है माँ
Nice post.
सदा said…
बहुत ही सुन्‍दर भावों से सजी यह प्रस्‍तुति ।

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